अफगानिस्तान, सीरिया और यमन जैसे देशों में चल रहे युद्ध व अन्य संकटों के कारण तमाम लोगों को अपनी जान से हाथ गंवाना पड़ रहा है। इन देशों में जान गंवाने वालों में सेना के साथ न सिर्फ आम नागरिक शामिल हैं, बल्कि इन देशों में युद्ध को कवर कर रहे कई पत्रकारों की भी मौत हो चुकी है।
हालांकि, भारत में युद्ध या इस तरह का कोई संकट नहीं है। इसके बावजूद इस देश को पत्रकारों के लिए तीसरे सबसे खतरनाक राष्ट्र के रूप में स्थान दिया गया है। मार्केटिंग और कंज्यूमर डाटा कंपनी ‘स्टेटिस्टा’ (Statista) की एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021 में भारत में तीन पत्रकारों की हत्या के साथ ही यह पत्रकारों के लिए तीसरे सबसे खतरनाक देशों की लिस्ट में शुमार है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2021 में पत्रकारों के लिए सबसे खतरनाक देश मैक्सिको है, इसके बाद अफगानिस्तान और फिर भारत का नंबर है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स‘ (Reporters Without Borders) ने अपने काम के दौरान मारे गए पत्रकारों की संख्या 39 गिनी थी। वर्ष 2012 में यह संख्या सबसे ज्यादा 144 थी।
‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स‘ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2018 में भी इराक और सीरिया के बाद भारत को पत्रकारों के लिए तीसरा सबसे खतरनाक देश माना गया था।
उस समय बिहार में पत्रकार राजदेव रंजन और झारखंड में अखिलेश प्रताप सिंह की 24 घंटे के भीतर हुई हत्याओं ने मीडियाकर्मियों के लिए भारत को तीन सबसे खतरनाक देशों में शुमार कर दिया था। इस साल जिन अन्य देशों में पत्रकार मारे गए, उनमें अजरबैजान, बांग्लादेश, चीन, कोलंबिया, जॉर्जिया, ग्रीस, लेबनान, पाकिस्तान, फिलिस्तीन, नीदरलैंड, सोमालिया, सीरिया, तुर्की व यमन शामिल हैं।